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लेखनी प्रतियोगिता -03-May-2023 छोटी मालकिन


                            छोटी मालकिन

          " छोटी मालकिन मुझे आपसे कुछ कहना है ? " रामू काका अपनी मालकिन से हाथ जोड़कर बोले। रामू काका को कभी कुछ जरूरत होती तब वह अंजनी से ही बात करते थे क्यौकि वह जानते थे कि अंजनी ने उनको कभी नौकर समझा ही नहीं था।

        "देखो रामू काका आप हमसे बात करते समय हाथ मत  जोडा़ करो क्यौकि आप उम्र में  मुझसे बहुत बडे़ हो।  मुझे मेरे मम्मी पापा ने हमेशा बडौ़ का आदर करना सिखाया है। अब आप बताओ कि आप क्या कहना चाहते हो।," अंजनी ने रामू काका से पूथदछा।

       रामू काका ने एक कागज का टुकडा़ अंजनी के हाथ में देते हुए पूछा," मालकिन अभी डाकिया यह देकर गया है? इसमें क्या लिखा है हमें बतलाना ?"

      अंजनी ने वह कागज का टुकडा़ लेकर देखा तब उसकी समझ में आया कि यह टेलीग्राम है।  जब उसे पढा़ तब मालूम हुआ कि रामू काका की पत्नी सीरियस है।

      अंजनी ने वह कागज बापिस करते हुए  अन्दर गयी और बीस हजार रुपये लेकर आई और  रामू काका को देकर बोली ," काका आप अभी अभी अपने गाँव चले जाओ वहा तुम्हारी पत्नी बीमार है उनका इलाज करवाओ। और जरूरत हो तो फौन करवादेना मै लेकर आजाऊँगी। चिन्ता मत करना अच्छे डाक्टर को दिखाना। तुम  इलाज  में लोभ मत करना । 

           रामू काका कभी मालकिन को देखते और कभी रुपयौ की तरफ  देखते और मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करने लगे , " ऐसी मालकिन सब को देना जिन्होंने बिना मांगे ही इतने पैसे देदिये। ईश्वर आपको बहुत धनवान बनाये रखे जिससे आप हम जैसे जरूरत मन्दौ की सहायता करती रहे।"

        "क्या सोच रहे हो काका  ? आप जाकर तैयारी करो मै आपकी टिकिट बुक करवादेती हूँ" इतना कहकर अंजनी ने एक दलाल को कहकर उनकी जाने की टिकिट करवा दी।

      रामू काका ने अपने घर पहुँचकर अपनी पत्नी का बहुत इलाज करवाया परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ।  रामू काका की पत्नी का स्वर्गवास होगया।

             रामू काका बचपन से ही अंजनी के परिवार में काम करते आररहे थे। जबसे अंजनी की शादी होकर आई थी तबसे रामू काका बहुत सुखी थे   उससे पहले अंजनी के सास ससुर के पास काम करते थे तब उनको केवल एक नौकर समझा जाता था लेकिन जबसे अंजनी इस घर में शादी होकर आई तबसे रामू काका की किस्मत ही बदल गयी थी।

       अंजनी के आने के बाद सब उनको आदर से बुलाते थे। जब भी रामू काका को  पैसौ की जरूरत होती अंजनी उनको देदेती थी। इससे रामूकाका  अंजनी  की बहुत इज्जत करते थे। अंजनी ने कभी भी उनको नौकर नहीं समझा वह उनको हमेशा अपने पिता समान मानकर उनकी इज्जत करती थी।

       रामू काका  बिहार के रहने वाले थे उनकी पत्नी के साथ ही उनकी एक बेटी भी थी। बेटी अभी केवल बारह बर्ष की थी कि उसके सिर से उसकी माँ का हाथ भी ईश्वर ने छीन लिया।

       अब रामू काका को यहीं चिन्ता सतारही थी कि वह बेटी का क्या करे यहाँ किसके पास छोड़कर जायें?  अन्त में उन्होंने  यह सोचकर की बेटी को अंजनी मालिकन के पास छोड़देगे  वह उनका कुछ हाथ बंटा दिया करेगी और वह अपनी बेटी को साथ ले आये।

          रामू काका ने अपनी बेटी को अंजनी को सौपते हुए कहा," छोटी मालकिन यह मेरी बेटी है इसकी हम सब को छोड़कर भगवान के पास चली गयी है। गाँव में  इसका कोई नहीं था इसलिए मैं इसको यहाँ लेआया हूँ यह आपके काम में भी हाथ बटा दिया करेगी। मैने ठीक किया न मालकिन ? "

         "रामू काका आपकी पत्नी की मौत की सुनकर बहुत दुःख हुआ। शायद ऊपरवाले की यही मर्जी थी हम कोई भी ऊपर वाले के काम में कुछ नहीं कर सकते है ,? ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।  आप अपनी बेटी को अपने साथ लेकर आये हो यह आपने बहुत अच्छा किया लेकिन इस बच्ची की अभी पढ़ने की उम्र है और आप कह रहे हो कि यह मेरे काम में साथ देगी?" अंजनी ने रामू काका को पूछा।

        " छोटी मालकिन हमारे यहाँ लड़कौ को ही नही पढा़ सकते फिर बेटियौ की तो बात ही क्या है? बैसे यह कुछ दिन स्कूल गयी थी। जब पत्नी बीमार रहने लगी तबसे इसका स्कूल जाना बन्द होगया है।"  रामू काका ने जबाब दिया।

      "   काका कोई बात नही  अब हम आपकी बेटी को स्कूल भेजेंगे। अब यह हमारी जिम्मेदारी है।  मै इससे काम नही करवाऊँगी इसे पढा़कर बडी़ अफसर बनाऊँगी।" अंजनी बोली।

      रामू काका यह सब सुनकर  अपने दिल में अंजनी को लाखौ आशीर्वाद देने लगे । 

       अंजनी ने काका की बेटी को एक स्कूल में एडमीशन करवा दिया।  काका की बेटी भी मन लगाकर पढ़ने लगी और समय  के साथ वह पढ़ने में भी अच्छे नम्बरौ से पास होने लगी।

     अंजनी ने उसे हमेशा अपनी बेटी की तरह रखा।   और उसकी शादी भी एक अच्छे परिवार में करवादी। इस तरह रामू काका अपनी छोटी मालकिन को हमेशा दुआएं देते नहीं थकते थे।

आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना ।

नरेश शर्मा " पचौरी "



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10 Comments

kashish

06-May-2023 01:30 PM

nice

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Abhilasha Deshpande

06-May-2023 01:07 PM

nice

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Babita patel

06-May-2023 12:45 PM

nice

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